Tha famous daya river

Sunday, March 7, 2010

"Hai Baaton Mein Dum" - my entry

तुलसी की सास का विवाह

"अरे आज रात को तो तुलसी के सास की दूसरी शादी है". पत्नी के मुह से निकले ये सामान्य वाक्य मुझे दिन भर के काम के थकान से झंझोड़ने के लिए काफी थे. मैंने अचंभित होकर पूछा "दुसरे महाले पे रहने वाली mrs तुलसी की सास की शादी है ? मेरी बीवी ने मेरी तरफ कटाख्श भरे नजरों से देखा और बोली " अरे वो तुलसी नहीं, मैं हम सबकी प्यारी बहु तुलसी सीरियल की बात कर रही हूँ. मेरी अवस्था पंडितों के ब्रह्मचर्चा में फंसे किसी मूर्ख की तरह हो रही थी | मेरी दुविधा देख मेरी धर्मपत्नी से रहा नहीं गया और उसके बाद मैंने "प्यारी बहु तुलसी सीरियल" में हुई अब तक की घटना का विवरण अपनी बीबी से सुना | सच मुच बहुत दुखियारी,समाज की सताई हुई महिला है हमारी तुलसी की सास. अपने पहले पति के बच्चों से उसका प्यार देखते ही बनता है | तो क्या हुआ अग़र तुलसी की सास ने अपने पहले पति को जहर देकर मर डाला, अगर नहीं मारती तो सायद आज तुलसी के ससुर की दूसरी शादी हो रही होती | ऐसा नहीं हे की तुलसी की सास ने यह सब दूसरी शादी करने के लिए किया हो | उन्हें तो मजबूरन ऐसा करना पड़ा क्यूंकि तुलसी के ससुर को किसी दुसरे की सास से बेहद प्यार हो गया था | और इससे पहले की बुड्ढा अपनी जायदाद उस बुढिया के नाम करता इस बुढिया ने उसका काम तमाम कर दिया | अब जो किया सही किया तुलसी की सास ने. औरतों को जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए और ऐसा ही किया तुलसी की सास ने | अरे हमने तो यह भी सुना हे की तुलसी की सास को अपने शौक पुरे करने का पैसा नहीं मिलता था | बेचारी को अपने दोस्तों के सामने कितनी शर्म आती थी यह सब कहने में | और तो और जब तुलसी की छोटी ननद घर से भाग गयी , किसी ने भी इसका श्रेय उनको नहीं दिया | कितनी दुःख की बात हे | देवर को जब पुलिस की मार पड़ी तब भी यह समाज तुलसी की सास का योगदान भूल गया | धन्य हे फिर भी वो माता, समाज की भावनाओं से उसका कुछ नहीं आता जाता | यह देश और समाज तुलसी की सास का हमेशा आभारी रहेगा | ऐसे पुण्यात्मा और पावन जीवन पर आधारित धारावाहिक हमारे आने वाले पीढ़ियों का सही मार्गदर्शन करेंगे |
धर्मपत्नी के सीरियल की कहानी रात भर मेरे कर्ण द्वार पर गूंजती रही | क्या दुनिया इतनी आगे निकल गयी हे ? क्या वेद पुराण लिखने,पढने और समझने वाला यह भारत तुलसी की सास के गुण गायेगा ? क्या मनोरंजन के नाम पर सामाजिक विकलांगता और कुछ लोगों की दिमागी गन्दगी को प्रोत्साहन दिया जायेगा? क्या न्याय और नैतिकता सिर्फ किताबों में दबी कुछ सब्द बनके रह जाएँगी ? क्या आने वाली पीढ़ी विवेकनद, रामकृष्ण परमहंस, विनोभा भाबे, महात्मा गाँधी को पहचान भी पाएंगे? क्या परिवार में सदाचरण जैसी मूलभूत बातों का वर्णन भी होगा ? क्या हमारे बचों को उपहार स्वरुप हम ऐसे समाज की नींव देके जायेंगे जिसके भबिश्य में काल के अन्धकार की चादर होगी?
"नहीं.नहीं कभी नहीं ."
बीवी ने टीवी पर से नजर हटाते हुए झुंझला के पूछा अरे क्या हुआ कोई बुरा सपना देखा क्या ? मैंने आँखे मसलते हुए पूछा " तुलसी की सास की शादी हो गयी "? धर्म पत्नी ने उत्तर दिया अरे किसकी शादी की बात कर रहे हो , तुमने कोई बुरा सपना देखा होगा आज तो हमारी राखी का स्वयंबर हे |

No comments:

Post a Comment