Tha famous daya river

Sunday, February 6, 2011

Sunday, March 7, 2010

"Hai Baaton Mein Dum" - my entry

तुलसी की सास का विवाह

"अरे आज रात को तो तुलसी के सास की दूसरी शादी है". पत्नी के मुह से निकले ये सामान्य वाक्य मुझे दिन भर के काम के थकान से झंझोड़ने के लिए काफी थे. मैंने अचंभित होकर पूछा "दुसरे महाले पे रहने वाली mrs तुलसी की सास की शादी है ? मेरी बीवी ने मेरी तरफ कटाख्श भरे नजरों से देखा और बोली " अरे वो तुलसी नहीं, मैं हम सबकी प्यारी बहु तुलसी सीरियल की बात कर रही हूँ. मेरी अवस्था पंडितों के ब्रह्मचर्चा में फंसे किसी मूर्ख की तरह हो रही थी | मेरी दुविधा देख मेरी धर्मपत्नी से रहा नहीं गया और उसके बाद मैंने "प्यारी बहु तुलसी सीरियल" में हुई अब तक की घटना का विवरण अपनी बीबी से सुना | सच मुच बहुत दुखियारी,समाज की सताई हुई महिला है हमारी तुलसी की सास. अपने पहले पति के बच्चों से उसका प्यार देखते ही बनता है | तो क्या हुआ अग़र तुलसी की सास ने अपने पहले पति को जहर देकर मर डाला, अगर नहीं मारती तो सायद आज तुलसी के ससुर की दूसरी शादी हो रही होती | ऐसा नहीं हे की तुलसी की सास ने यह सब दूसरी शादी करने के लिए किया हो | उन्हें तो मजबूरन ऐसा करना पड़ा क्यूंकि तुलसी के ससुर को किसी दुसरे की सास से बेहद प्यार हो गया था | और इससे पहले की बुड्ढा अपनी जायदाद उस बुढिया के नाम करता इस बुढिया ने उसका काम तमाम कर दिया | अब जो किया सही किया तुलसी की सास ने. औरतों को जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए और ऐसा ही किया तुलसी की सास ने | अरे हमने तो यह भी सुना हे की तुलसी की सास को अपने शौक पुरे करने का पैसा नहीं मिलता था | बेचारी को अपने दोस्तों के सामने कितनी शर्म आती थी यह सब कहने में | और तो और जब तुलसी की छोटी ननद घर से भाग गयी , किसी ने भी इसका श्रेय उनको नहीं दिया | कितनी दुःख की बात हे | देवर को जब पुलिस की मार पड़ी तब भी यह समाज तुलसी की सास का योगदान भूल गया | धन्य हे फिर भी वो माता, समाज की भावनाओं से उसका कुछ नहीं आता जाता | यह देश और समाज तुलसी की सास का हमेशा आभारी रहेगा | ऐसे पुण्यात्मा और पावन जीवन पर आधारित धारावाहिक हमारे आने वाले पीढ़ियों का सही मार्गदर्शन करेंगे |
धर्मपत्नी के सीरियल की कहानी रात भर मेरे कर्ण द्वार पर गूंजती रही | क्या दुनिया इतनी आगे निकल गयी हे ? क्या वेद पुराण लिखने,पढने और समझने वाला यह भारत तुलसी की सास के गुण गायेगा ? क्या मनोरंजन के नाम पर सामाजिक विकलांगता और कुछ लोगों की दिमागी गन्दगी को प्रोत्साहन दिया जायेगा? क्या न्याय और नैतिकता सिर्फ किताबों में दबी कुछ सब्द बनके रह जाएँगी ? क्या आने वाली पीढ़ी विवेकनद, रामकृष्ण परमहंस, विनोभा भाबे, महात्मा गाँधी को पहचान भी पाएंगे? क्या परिवार में सदाचरण जैसी मूलभूत बातों का वर्णन भी होगा ? क्या हमारे बचों को उपहार स्वरुप हम ऐसे समाज की नींव देके जायेंगे जिसके भबिश्य में काल के अन्धकार की चादर होगी?
"नहीं.नहीं कभी नहीं ."
बीवी ने टीवी पर से नजर हटाते हुए झुंझला के पूछा अरे क्या हुआ कोई बुरा सपना देखा क्या ? मैंने आँखे मसलते हुए पूछा " तुलसी की सास की शादी हो गयी "? धर्म पत्नी ने उत्तर दिया अरे किसकी शादी की बात कर रहे हो , तुमने कोई बुरा सपना देखा होगा आज तो हमारी राखी का स्वयंबर हे |

Monday, December 28, 2009

Be a dreamer!!!!

As a child I used to dream of becoming a ticket usher in the cinema hall. Dont laugh. Because I had my own reasons for that. My nubile mind used to think it is the best job in the world. Because of three humble reasons.

1. You get to see films everyday.....for FREE.
2. You helped people by showing them a torch in the dark. A symbolic way of helping people in distress.
3. You get paid.

So these were my logic of thinking that this was the best job in the world and I promised my mother of becoming one.

No I didnt become one.
But I was wondering there were so many things we wanted to do or we wanted to become.But couldnt.And life goes on making us dance to a different tune. Every time. Dreams anyways are dreams. We aren't achievers unless we become good dreamers, thus said someone.
So dream on.



बिखरे मेरे ख्वाब जो
हथेली ना समेट सका
एक बार फिर से उन ख्वाबों को नींदों में पनाह दो

आँखों के उन किनारों में मंजिल की धुन सवार हे
पंखों में फिर से जान भर
आकाश को छूने दो

Saturday, December 26, 2009

Bigg Boss 3 is the winner

So the grand finale is over and Vindu Dara Singh was adjudged the winner. I had predicted that. He may be a wrong person but the fact that he was less wrong than other inmates of the house made him the winner. They say in the land of blind the one eyed man becomes the king...

Thursday, December 24, 2009

A Tribute To 26/11

This is a poem I wrote last year around the same time..wanted to post this for long..so here it goes....

I Am 26.11.2008 A Date In The Calendar Speaking!!!

I Lived
I Lived to tell the tale
The tale of loss, pain, suffering
of madness and hearts going pale.

I Witnessed
I witnessed the horror and sorrow
Dreams charred to ashes and no happiness to borrow.

I Suffered
The pain of the inconsolable child losing mother
The people turning to the morgues in the hope of finding another.
Their lives turned, bruted and mangled by terror.

I Breathed
I breathed the air of hopelessness, pity and gloom
Saw the innocents left to suffer in doom.
They came prepared to kill, maim and attack.
Etch the day in all our hearts with ink of black.

But I Fought
I fought the nightmare and the night
Courage in my vein with valour and might
Made sure that morning next meets a new hope of light.

I Bowed
I bowed to the heroes who smiled even in dying situation
We lost Karkare, Unnikrishnan, tamble and many others made it to the list
But they taught the world how we tame the unruly beast.

I Stand
I stand tall with my head held high
Not coz I am a date in time people shall remember with sigh
But the day saw humanity and compassion win over evil intention
I salute the day coz it turned a country into a proud nation.

Tuesday, December 22, 2009

We are living beings or we are machines!!!

We are living beings or we are machines!!!
Thats the question my friend asked me today.He just had a tiff with his module leader and was exasperated.
I answered, neither of them we are a third kind. We are the IT people.
This is how auto wallahs, house maids and vendors refer us.
Frankly, every second person I know on this planet earth works in a s/w company. Every third person I know earns his/her income from IT people and every fourth people I know wants to join an IT company. So world is small after all.

Hey, BTW needless to say this blog is different . When I say that, I mean it is different. It is about all and everything that I do, that I believe in and that I would like to do and which is not at all related to IT.
So lets start.